RSMSSB Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025: Rajasthan Subordinate and Ministerial Services Selection Board (RSMSSB) has released RSMSSB Agriculture Supervisor Syllabus for 2025. Candidates can check and download their Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus through this web page. This course is designed to assess your knowledge and competency in various aspects of agriculture including crop production, horticulture, animal husbandry, agricultural economics, agricultural engineering and others. It covers a wide range of topics, reflecting the diverse nature of agricultural practices and policies.
RSMSSB Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus And Exam Pattern 2025
Department | RSMSSB |
Name of the Exam | Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus |
Conducting body | Rajasthan Subordinate and Ministerial Service Selection Board |
Exam level | State |
Exam frequency | Annually ( once a year) |
Exam levels | Two levels:- Written exam Document Verification |
Mode of examination | Offline |
Official Website | www.rsmssb.rajasthan.gov.in |
Rajasthan Agriculture Supervisor Recruitment 2025 Exam Pattern
Rajasthan Agriculture Supervisor के पद के लिए चयन प्रक्रिया में दो चरण शामिल हैं। RSMSSB Agriculture Supervisor Exam Pattern में एक दिवसीय परीक्षा होती है जिसमें 5 खंड होते हैं। खंड सामान्य हिंदी, राजस्थान जीके, Culinary विज्ञान, बागवानी और पशुपालन हैं। प्रत्येक खंड में प्रश्नों की एक निर्धारित संख्या और संबंधित अधिकतम अंक हैं।
S.No. | Subject | No.of Question | Marks |
1 | General Hindi | 15 | 45 |
2 | General Knowledge( Rajasthan History, Culture) | 25 | 75 |
3 | Culinary Science | 20 | 60 |
4 | Horticulture | 20 | 60 |
5 | Animal Husbandry | 20 | 60 |
Total | 100 | 300 |
- वैकल्पिक प्रकार का एक प्रश्नपत्र होगा।
- अधिकतम पूर्णाक 300 अंक होगा।
- प्रश्नपत्र में प्रश्नों की संख्या 100 होगी
- प्रश्नपत्र की अवधि 2.00 घण्टें की होगी |
- प्रत्येक प्रश्न के 3 अंक होंगे
- प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/3 ऋणात्मक भाग काटा जावेगा।
Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025
भाग – 1 : सामान्य हिन्दी
प्रश्नों की संख्या : 15 पूर्णाक: 45
दिये गये शब्दों की संधि एवं शब्दों का संधि-विच्छेद।
उपसर्ग एवं प्रत्यय:- इनके संयोग से. शब्द -संरचना तथा शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय को पृथक् करना और इनकी पहचान।
समस्त (सामासिक) पद की रचना करना, समस्त (सामासिक) पद का विग्रह करना ।
शब्द युग्मों का अर्थ भेद।
पर्यायवाची शब्द और विलोम शब्द
शब्द शुद्धि:- दिये गये अशुद्ध शब्दों को शुद्ध लिखना
वाक्य शुद्धि: – वर्तनी संबंधी अशुद्धियों को छोडकर वाक्य संबंधी अन्य व्याकरणिक अशुद्धियों का शुद्धिकरण |
वाक्यांश के लिये एक उपयुक्त शब्द
पारिभाषिक शब्दावली – प्रशासन से सम्बन्धित अंग्रेजी शब्दों के समकक्ष हिन्दी शब्द
मुहावरे: — वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है
लोकोक्ति: — वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।
भाग — ॥ : राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति
प्रश्नों की संख्या : 25 पूर्णाक: 75
- राजस्थान की भौगोलिक संरचना – भौगोलिक विभाजन, जलवायु, प्रमुख पर्वत, नदियां, मरूस्थल एवं फसलें।
- राजस्थान का इतिहास –
सभ्यतायें – कालीबंगा एवं आहड़
प्रमुख व्यक्तित्व – महाराणा कुंभा, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप, राव जोधा, राव मालदेव, महाराजा जसवंतसिंह,
वीर दुर्गादास, जयपुर के महाराजा मानसिंह-प्रथम, सवाई जयसिंह, बीकानेर के महाराजा गंगासिंह इत्यादि।
राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार, लोक कलाकार, संगीतकार, गायक कलाकार, खेल एवं खिलाडी इत्यादि। - भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान का योगदान एवं राजस्थान का एकीकरण।
- विभिन्न राजस्थानी बोलियां, कृषि, पशुपालन क्रियाओं की राजस्थानी शब्दावली।
- कृषि, पशुपालन एवं व्यावसायिक शब्दावली।
- लोक देवी-देवता – प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय।
- प्रमुख लोक पर्व, त्योहार, मेले – पशुमेले।
- राजस्थानी लोक कथा, लोक नाट्य, लॉक वाद्य एवं कठपुतली कला, लोक गीत एवं नृत्य, मुहावरे, कहावतें।
- विभिन्न जातियां — जन जातियां।
- स्त्री – पुरूषों के वस्त्र एवं आभूषण।
- चित्रकारी एवं हस्तशिल्पकला – चित्रकला की विभिन्न शैलियां, भित्ति चित्र, प्रस्तर शिल्प, काष्ट कला, मृदमाण्ड (मिट्टी)
कला, उस्ता कला, हस्त औजार, नमदे-गलीचे आदि। - स्थापत्य – दुर्ग, महल, हवेलियाँ, छतरियां, बावडियां, तालाब, मंदिर-मस्जिद आदि।
- संस्कार एवं रीति रिवाज।
- धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल।
भाग – 1 : शस्य विज्ञान
प्रश्नों की संख्या : 20 पूर्णाक: 60
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, कृषि एवं कृषि सांख्यिकी का सामान्य ज्ञान।
- राज्य में कृषि, उद्यानिकी एवं पशुधन
- का परिदृश्य एवं महत्व |
- राजस्थान की कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादन में मुख्य बाधाएँ |
- राजस्थान के जलवायुवीय खण्ड, मृदा
- उर्वरता एवं उत्पादकता |
- क्षारीए एवं उसर भूमियां, अम्लीय भूमि एवं इनका प्रबन्धन
- राजस्थान में मृदाओं का प्रकार, मृदा क्षरण, जल एवं मृदा संरक्षण के तरीके, पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व,
- उपलब्धता एवं स्त्रोत, राजस्थानी भाषा में परम्परागत शस्य क्रियाओं की शब्दावली।
- जीवांश खादों का महत्व, प्रकार एवं बनाने
- की विधियां तथा नत्रजन, फास्फोरस, पोटेशियम उर्वरक, एकल, मिश्रित एवं योगिक उर्वरक एवं उनके प्रयोग की विधियां।
- फसलोत्पादन में सिंचाई का महत्व, सिंचाई के स्त्रोत, फसलों की जल मांग एवं प्रभावित करने वाले कारक।
- सिंचाई की विधियां – विशेषतः फव्वारा, बून्द-बून्द, रेनगन आदि। सिंचाई की आवश्यकता, समय एवं मात्रा।
- जल निकास एवं इसका महत्व, जल निकास की विधियां।
- राजस्थान के संदर्भ में परम्परागत सिंचाई से संबंधित शब्दावली।
- मृदा परीक्षण एवं समस्याग्रस्त मृदाओं का सुधार।
- साईजेल, हे-मेकिंग, चारा संरक्षण।
- खरपतवार – विशेषताएं, वर्गीकरण, खरपतवारों से नुकसान, खरपतवार नियंत्रण की विधियां, राजस्थान की मुख्य
- फसलों में खरपतवारनाशी रसायनों से खरपतवार नियंत्रण
- खरतपवारों की राजस्थानी भाषा में शब्दावली।
- निम्न मुख्य फसलों के लिए जलवायु, मृदा, खेत की तैयारी, किसमें, बीज उपचार, बीज दर, बुवाई समय, उर्वरक,
- सिंचाई, अन्तराशस्यन, पौध संरक्षण, कटाई-मढाई, भण्डारण एवं फसल चक्र की जानकारी।
- अनाज वाली फसले – मक्का,ज्वार, बाजरा, धान, गेहूं एवं जौ।
- दाले – मूंग, चेंवला, मसूर, उड़द, मोट, चना एवं मटर।
- तिलहनी फसले – मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सरसों, अलसी, अरण्डी, सूरजमुखी एवं तारामीरा |
- रेशदार फसले – कपास |
- चारे वाली फसले — बरसीम, रिजका एवं जई।
- मसाले वाली फसले – सौंफ, मैथी, जीरा एवं धनिया।
- नकदी फसले – ग्वार एवं गन्ना
- उत्तम बीज के गुण, बीज अंकुरण एवं इसको प्रभावित करने वाले कारक, बीज वर्गीकरण, मूल केन्द्रक बीज, प्रजनक
बीज, आधार बीज, प्रमाणित बीज। - शुष्क खेती – महत्व, शुष्क खेती की तकनीकी।
- मिश्रित फसल, इसके प्रकार एवं महत्व।
- फसल चक्र – महत्व एवं सिद्धान्त।
- राजस्थान के संदर्भ में कृषि विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी।
- अनाज एवं बीज का भण्डारण।
भाग — IV: उद्यानिकी
प्रश्नों की संख्या : 20 पूर्णाक: 60
- उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य।
- फलदार पौधों की नर्सरी प्रबन्धन।
- पादप प्रवर्धन, पौध रोपण।
- फलोद्यान के स्थान का चुनाव एवं योजना।
- उद्यान लगाने की विभिन्न रेखांकन विधियां।
- पाला, लू एवं अफलन जैसी मौसम की विपरीत परिस्थितियां एवं इनका समाधान।
- फलोद्यान में विभिन्न पादप वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग।
- सब्जी उत्पादन की विधियां एवं सब्जी उत्पादन में नर्सरी प्रबन्धन।
- राजस्थान में जलवायु, मृदा, उन्नत किसमें, प्रवर्धन विधियां, जीवांश खाद व उर्वरक, सिंचाई, कटाई, उपज, प्रमुख
- कीट एवं बीमारियां एवं इनका नियंत्रण सहित निम्न उद्यानिकी फसलों की जानकारी – आम, नीम्बू वर्गीय फल, अमरूद,
- अनार, पपीता, बेर, खजूर, आंवला, अंगूर, लहसूवा, बील, टमाटर, प्याज, फूल गोभी, पत्ता गोभी, भिण्डी, कद्दू वर्गीय सब्जियां, बैंगन, मिर्च, लहसून, मटर, गाजर, मूली, पालक।
- फल एवं सब्जी परीरक्षण का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य, फल परीरक्षण के सिद्धान्त एवं विधियां।
- डिब्बाबन्दी, सुखाना एवं निर्जलीकरण की तकनीक व राजस्थान में इनकी परम्परागत विधियां।
- फलपाक (जैम), अवलेह (जेली),केन्डी, शर्बत, पानक (स्क्वेश) आदि को बनाने की विधियां।
- औषधीय पौधों व फूलों की खेती का राजस्थान के संदर्भ में सामान्य ज्ञान।
राजस्थान के संदर्भ में उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण योजनाएं |
भाग — V : पशुपालन
प्रश्नों की संख्या : 20 पूर्णाक: 60
- पशुपालन का कृषि में महत्व।
- पशुधन का दूध उत्पादन में महत्व एवं प्रबन्धन।
- निम्न पशुधन नस्लों की विशेषताएं, उपयोगिता व उत्पति स्थान का सामान्य ज्ञान :-
- गाय – गीर, थारपारकर, नागौरी, राठी, जर्सी, होलिस्टन फ़िजीयन, मालवी, हरियाणा, मेवाती।
- भैंस – मुर्रा, सूरती, नीली, रावी, भदावरी, जाफरवादी, मेहसाना।
- बकरी – जमनापारी, बारबरी, बीटल, टोगनबर्ग।
- भेड़ – मारवाडी, चोकला, मालपुरा, मेरीनो, कारकुल, जैसलमेरी, अविवस्त्र, अविकालीन।
- ऊंट प्रबन्धन, पशुओं की आयु गणना।
- सामान्य पशु औषधियों के प्रकार, उपयोग, मात्रा तथा दवाईयां देने का तरीका।
- जीवाणुरोधक – फिनाईल, कार्बोलिक एसिड, पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा), लाईसोल
- विरेचक – मेग्नेशियम सल्फेट (मैकसल्फ), अरण्डी का तेल।
- उत्तेजक – एल्कोहल, कपूर।
- कृमिनाशक – नीला थोथा, फिनोविस।
- मर्दन तेल – तारपीन का तेल।
- राजस्थान के पशुओं की मुख्य बीमारियों के कारक, लक्षण तथा उपचार – पशु-प्लेग, खुरपका-मुंहपका, लगड़ी,
एन्थ्रेक्स, गलाघोटू, थनेला रोग, दुग्ध बुखार, रानीखेत, मुर्गियों की चेचक, मुर्गियों की खूनीपेचिस। - दुग्ध उत्पादन, दुग्ध एवं खीस संघटन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, दुग्ध परिरक्षण, दुग्ध परीक्षण एवं गुणवत्ता।
- दुग्ध में वसा को ज्ञात करना, आपेक्षित घनत्व, अम्लता तथा क्रीम पृथक्करण की विधि तथा यंत्रों की आवश्यकत्ता एवं दही, पनीर व
घी बनाने की विधि। - दुग्धशाला के बरतनों की सफाई एवं जीवाणु रहित करना।
- राजस्थान के संदर्भ में पशुपालन क्रियाओं एवं गतिविधियों से संबंधित शब्दावली।
Agriculture Supervisor Syllabus in Hindi PDF
Applicants must check RSMSSB Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus or exam pattern and download RSMSSB Agriculture Supervisor Syllabus PDF. This will help in getting an overall idea of the exam so that preparation and planning can be done accordingly.
- First of all you have to visit the official website of the department.
- Now the home page of the website will open on your screen.
- Here you will get the link of Syllabus.
- Click on the syllabus link.
- Now find your exam syllabus here.
- Now click on Agriculture Supervisor Syllabus .
- Syllabus PDF will open on your screen.
- You can also download it from the link given below.
RSMSSB Agriculture Supervisor Syllabus PDF Download
Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus Download In PDF | Download |
RSMSSB Agriculture Supervisor Syllabus Official Website | RSMSSB |
Tips and Tricks for RSMSSB Agriculture Supervisor Preparation
Know the Exam Pattern: Become familiar with the exam format, including the number of sections, overall scoring, and time allotted for each section. This will enable you to make the appropriate preparation plans.
Syllabus Analysis: Thoroughly analyze the syllabus for the Agriculture Supervisor exam. Identify the important topics and allocate more time to areas where you feel less confident.
Create a Study Plan: Prepare a study plan that covers all the topics systematically. Divide your time wisely among different subjects, giving more attention to areas that need improvement. Set achievable goals and follow a disciplined study routine.
Study Material: Collect pertinent study materials, including books of references, test questions from prior years, and online sources. Make sure to refer to reputable sources that cover the entire syllabus.
Understand Concepts: Focus on understanding the fundamental concepts of agriculture and related subjects. Develop a strong foundation in topics such as crop production, soil science, plant pathology, and agricultural economics.
Take Notes: While studying, take comprehensive notes on important topics. This will help you revise and retain information more effectively. Organize your notes in a structured manner for quick reference during revision.
Practice Previous Years’ Papers: Solve previous years’ question papers to understand the exam pattern, types of questions asked, and time management. It will also help you identify your weak areas that require additional attention.
Mock Tests: Regularly administer mock exams to gauge your progress and sharpen your time management abilities. Mock tests simulate the exam environment and help you get accustomed to the format, enabling you to perform better on the actual exam day.
Time Management: Practice effective time management during your preparation. Allocate specific time slots for each topic or subject and try to complete tasks within the set timeframe. This will help you develop a sense of discipline and avoid last-minute rushes.
Revision: Regularly review the subjects you have studied to help you understand and remember what you have learned. Plan specific time in your schedule for revision.
Stay Updated: Keep yourself updated with the latest developments in the field of agriculture. Read agricultural magazines, journals, and online articles to stay abreast of current trends, government schemes, and advancements in the industry.
Stay Healthy and Take Breaks: Maintain a healthy lifestyle during your preparation. Take regular breaks, exercise, and get adequate sleep. A fresh and active mind will enhance your productivity and help you concentrate better.
Seek Guidance: If you come across any challenging topics or doubts, seek guidance from subject matter experts, teachers, or online forums. Joining a study group or coaching classes can also provide additional support and motivation.
Stay Positive and Confident: Maintain a positive attitude throughout your preparation. Believe in your abilities and stay confident. Positive thinking will enhance your performance and help you overcome exam-related stress.
How many stages are there for RSMSSB agriculture Supervisor Exam Recruitment?
RSMSSB Agriculture Supervisor exam consists of 2 stage process. The first stage consists of a written test followed by document verification.
Where can I get the RSMSSB Agriculture Supervisor Exam Syllabus?
The detailed subject wise RSMSSB Agriculture Supervisor Exam Syllabus can be downloaded from the official website of RSMSSB.
RSMSSB कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न कितने अंक का होता है?
RSMSSB कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा में सभी प्रश्न समान अंक के होते हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए 3 अंक निर्धारित हैं।