Prachchh Dhatu Roop in Sanskrit | तुदादिगण तथा परस्मैपदी धातु रूप

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नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत धातु रूप से बने Prachchh Dhatu Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए धातु के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक धातु के कई रूप हो सकते है। प्रछ्/प्रच्‍छ् धातु का अर्थ है ‘पूछना, to ask’। यह तुदादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी तुदादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- क्षिप्, तुद्, इष्, मृ, मिल्, मुच्/मुञ्च्, स्पृश्, विश्, सिच्/सिञ्च आदि। प्रच्‍छ् धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।

Prachchh Dhatu Roop in Sanskrit

 1 . लट् लकार – वर्तमान काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषपृच्छतिपृच्छतःपृच्छन्ति
मध्यम पुरुषपृच्छसिपृच्छथःपृच्छथ
उत्तम पुरुषपृच्छामिपृच्छावःपृच्छामः
Prachchh Dhatu Roop

2. लृट् लकार – भविष्यत काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषप्रक्ष्यतिप्रक्ष्यत:प्रक्ष्यन्ति
मध्यम पुरुषप्रक्ष्यसिप्रक्ष्यथ:प्रक्ष्यथ
उत्तम पुरुषप्रक्ष्यामिप्रक्ष्याव:प्रक्ष्याम:
Prachchh Dhatu Roop

3. लङ् लकार – भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअपृच्छत्अपृच्छताम्अपृच्छन्
मध्यम पुरुषअपृच्छःअपृच्छतम्अपृच्छत
उत्तम पुरुषअपृच्छम्अपृच्छावअपृच्छाम
Prachchh Dhatu Roop

4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषपृच्छतुपृच्छताम्पृच्छन्तु
मध्यम पुरुषपृच्छपृच्छतम्पृच्छत
उत्तम पुरुषपृच्छानिपृच्छावपृच्छाम

5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषपृच्छेत्पृच्छेताम्पृच्छेयुः
मध्यम पुरुषपृच्छेःपृच्छेतम्पृच्छेत
उत्तम पुरुषपृच्छेयम्पृच्छेवपृच्छेम

6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअप्राक्षीत्अप्राष्टाम्अप्राक्षुः
मध्यम पुरुषअप्राक्षीःअप्राष्टम्अप्राष्ट
उत्तम पुरुषअप्राक्षम्अप्राक्ष्वअप्राक्ष्म

7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषपप्रच्छपप्रच्छतुःपप्रच्छुः
मध्यम पुरुषपप्रच्छिथपप्रच्छथुःपप्रच्छ
उत्तम पुरुषपप्रच्छपप्रच्छिवपप्रच्छिम

8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषप्रष्टाप्रष्टारौप्रष्टार:
मध्यम पुरुषप्रष्टासिप्रष्टास्थ:प्रष्टास्थ
उत्तम पुरुषप्रष्टास्मिप्रष्टास्व:प्रष्टास्म:

9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषपृच्छ्यात्पृच्छ्यास्ताम्पृच्छ्यासुः
मध्यम पुरुषपृच्छ्याःपृच्छ्यास्तम्पृच्छ्यास्त
उत्तम पुरुषपृच्छ्यासम्पृच्छ्यास्वपृच्छ्यास्म

10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअप्रक्ष्यत्अप्रक्ष्यताम्अप्रक्ष्यन्
मध्यम पुरुषअप्रक्ष्यःअप्रक्ष्यतम्अप्रक्ष्यत
उत्तम पुरुषअप्रक्ष्यम्अप्रक्ष्यावअप्रक्ष्याम

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