श्री जानकी स्रोत्र – जानकि त्वां नमस्यामि | Janaki Sotra

Join Our WhatsApp Channel Join Now
Join Our Telegram Channel Join Now

Janaki Sotra:- वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मां सीता प्रकट हुई थी। देवी सीता का विवाह भगवान राम से हुआ था, जिनका जन्म भी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को हुआ था। श्री जानकी स्रोत्र करने के लिए उपवास रखना चाहिए और उनके स्त्रोत और उनके पाठ करने चाहिए।

Janaki Sotra

|| Janaki Sotra ||

जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥१॥
दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥२॥
 
भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥३॥
पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम् ।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम् ॥४॥
 
आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम् ॥५॥
नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥६॥
 
पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्षःस्थलालयाम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम् ॥७॥
आह्लादरूपिणीं सिद्धिं शिवां शिवकरीं सतीम् ।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥८॥
Janaki Sotra

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top