CBSE और ICSE में मुख्य अंतर Difference Between CBSE and ICSE

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बहुत अधिक लोग इस बात से अनजान की CBSE और ICSE में क्या अंतर है। और इनके बारे में कन्फूजन बानी रहती है की CBSE और ICSE में दोनों में क्या अंतर है। और बहुत से अभिवावक के मन में यही सवाल रहता है की शिक्षा के मामले में कौन अधिक गुणवत्ता प्रदान करेगा। किस में Admission लिया जाए और इनमे प्रवेश कैसे लिया जाए।

और जानेगे आपके बच्चे के लिए CBSE और ICSE में से कौन सा बेस्ट है। एडमिशन के दौरान अपने बच्चे को किस बोर्ड में प्रवेश करना चाहिए? इस बारे में हम चर्चा इस लेख में करेंगे।

CBSE और ICSE में मुख्य अंतर

सीबीएसई के बारे में (About CBSE in Hindi)/ सीबीएसई फुल फॉर्म इन हिंदी:-

CBSE full form – Central Board of Secondary Education (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) का गठन 3 नवंबर, 1962 को हुआ था सीबीएसई का नई दिल्ली, भारत में है।
सीबीएसई भारत में 16000 से अधिक स्कूलों और दुनिया के लगभग 24 अन्य देशों से संबद्ध है। स्कूलों को दी गई संबद्धता उच्च माध्यमिक स्तर तक है
सभी केंद्रीय विद्यालय, सभी जवाहर नवोदय विद्यालय, निजी स्कूल और भारत की केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित अधिकांश स्कूल शामिल हैं।

आईसीएसई के बारे में (About ICSE in Hindi) / ICSE फुल फॉर्म इन हिंदी:-

ICSE Full Form – Indian Certificate of Secondary Education (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) होती है जो एग्जाम काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) एक परीक्षा आयोजित करता है इसमें सभी विषयों के बारे में विस्तृत से बतया जाता है जिसमे ज्ञान के बढ़ोतरी होती है।

भारत और दुनिया के अन्य देशों में बोर्ड से संबद्ध 1000 से अधिक स्कूल हैं। ICSE भाषाओं और विषयों का अच्छा विकल्प देता है। यह गृह विज्ञान, कृषि, फैशन डिजाइन, पाक कला आदि सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

तुलनात्मक प्रश्नICSECBSE
MeaningICSE 🙁 Indian Certificate of Secondary Education) भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र नई शिक्षा नीति, 1986 के अनुसार सामान्य शिक्षा के पाठ्यक्रम में आयोजित एक परीक्षा है।CBSE :- (Central Board of Secondary Education) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) एक शैक्षिक बोर्ड है
जो भारत और अन्य देशों में सार्वजनिक और निजी स्कूलों को संबद्ध करता है।
परीक्षा आयोजित कर्तायह CISCE द्वारा आयोजित एक परीक्षा है।यह एक बोर्ड है जो परीक्षा आयोजित करता है।
Result sheetदो परिणाम पत्रक घोषित किए जाते हैं, एक प्रदर्शित करने वाले ग्रेड और दूसरा प्राप्त अंक दिखाते हैं।केवल ग्रेड प्रदर्शित करता है
सिलेबसICSE में सिलेबस विस्तृत रूप में होने से थोड़ा कठिन हो जाता हैसीबीएसई का सिलेबस तुलनात्मक रूप से आसान।
किस भाषा में पढ़ाई होती हैICSE बोर्ड में सिर्फ अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई होती हैCBSE बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में पढ़ाई होती है
बुक्सICSE बोर्ड से सम्बंधित ज़्यादातर स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें इस्तेमाल होती हैं
जो की अंग्रेज़ी भाषा में लिखी होती हैं। जिनको इंलिश में ही पढ़ाया जाता है।
CBSE बोर्ड सम्बंधित स्कूलों में NCRT किताबों के द्वारा पढ़ाई होती है
जैसे: हिंदी, अंग्रेज़ी और उर्दू भाषा में उपलब्ध हैं
किताबों की तुलनानिजी प्रकाशकों की पुस्तके अधिक महँगी होती है।सरकारी पुस्तके होने के कारण ये महँगी नहीं होती है।
पाठ्यक्रमCBSE बोर्ड की तुलना में ICSE बोर्ड का पाठ्यक्रम थोड़ा ज़्यादा है
ICSE बोर्ड में अंग्रेजी विषय के दो पेपर होते हैं   ICSE बोर्ड में विज्ञान विषय के तीन पेपर (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान) होते हैं जिनकी एग्जाम भी अलग – लगती है।
ICSE बोर्ड की तुलना में CBSE बोर्ड का पाठ्यक्रम थोड़ा कम है
CBSE बोर्ड में केवल एक पेपर होता है   CBSE में केवल एक ही पेपर होता है जिसको विज्ञान कहते है जिसकी एग्जाम भी एक ही लगती है।
पाठ्यक्रम अपडेटICSE बोर्ड का सिलेबस भी अपडेट होता है लेकिन प्रत्येक वर्ष नहीं है।CBSE बोर्ड को हर साल अपडेट होता है उसमे कुछ न कुछ नए टॉपिक्स जोड़े जाते हैं
जैसे- CBSE सिलेबस में GST, AI से जुड़े टॉपिक्स भी जोड़े गए हैं
प्राइवेट कैंडिडेट्सICSE बोर्ड में जो विधार्थी रेगुलर नहीं है या वे ICSE बोर्ड से प्राइवेट में एग्जाम देना चाहता है

ऐसे स्टूडेंट्स ICSE बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते है।
प्राइवेट कैंडिडेट्स और स्टेट बोर्ड के विद्यार्थी जिन्होंने CBSE स्कूलों से रेगुलर पढ़ाई नहीं की

ऐसे विद्यार्थियों को CBSE बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे देता है।

आईसीएसई VS सीबीएसई – माता-पिता के लिए नौकरियां और बच्चों के लिए शिक्षा

कई माता-पिता जो कार्यरत हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं। यही कारण है कि उनके बच्चों के लिए स्कूल बदलता रहता है। जब हम सीबीएसई बोर्ड के बारे में सोचते हैं तो लगभग हर स्कूल में एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल किया जाता है जो इससे संबंधित हैं।

यदि कोई छात्र स्कूल जाता है तो उस पर कोई दबाव नहीं होता है क्योंकि वह किताबों से परिचित होता है। अगर हम ICSE बोर्ड को देखें, तो यह अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग प्रकाशकों की अलग-अलग किताबों का अनुसरण करता है। ऐसी स्थितियों में छात्रों को नई किताबों और नए सिलेबस के अनुकूल होने की जरूरत होगी। इससे उन पर और दबाव पड़ता है।

आईसीएसई VS सीबीएसई – करियर विकल्प

ICSE बोर्ड का पाठ्यक्रम कैम्ब्रिज स्कूल (यूनाइटेड किंगडम) पर आधारित है, जो अंग्रेजी पर बहुत जोर देता है। यह बोर्ड उन छात्रों के लिए बहुत मददगार है जो भविष्य में आईईएलटीएस या टीओईएफएल परीक्षा देना चाहते हैं। ICSE बोर्ड अंग्रेजी और विज्ञान सभी विषयों को समान महत्व देता है।

सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल किया जाएगा। एनसीईआरटी पाठ्यक्रम अधिकांश भारतीय इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं का आधार है। नीट, जेईई मेन और यूपीएसईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के सिलेबस को एनसीईआरटी की 11वीं-12वीं की किताबों में देखा जा सकता है।
जो छात्र भविष्य में इंजीनियरिंग या मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए सीबीएसई बोर्ड में अध्ययन करना अधिक फायदेमंद होगा।

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