बृहस्पति स्तोत्र | Brihaspati Stotram

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Brihaspati Stotram:- बृहस्पति स्तोत्र का पाठ बहुत चमत्कारी पाठ होता है। बृहस्पति गृह संतान पक्ष के कारक माने जाते है। जो की कुंडली में बृहस्पति उच्च स्थान पर हो तो बहुत ही शुभ माना जाता है। और घर में सुःख और शांति के लिए बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए।

Brihaspati Stotram

|| Brihaspati Stotram ||

पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी,
चतुर्भुजो देवगुरु: प्रशान्त: ।
दधाति दण्डं च कमण्डलुं च,
तथाक्षसूत्रं वरदोsस्तु मह्यम ॥1॥
नम: सुरेन्द्रवन्द्याय देवाचार्याय ते नम: ।
नमस्त्वनन्तसामर्थ्यं देवासिद्धान्तपारग ॥2॥

सदानन्द नमस्तेस्तु नम: पीडाहराय च ।
नमो वाचस्पते तुभ्यं नमस्ते पीतवाससे ॥3॥
नमोsद्वितीयरूपाय लम्बकूर्चाय ते नम: ।
नम: प्रह्रष्टनेत्राय विप्राणां पतये नम: ॥4॥

बृहस्पति स्तोत्र के लाभ

·         बृहस्पति स्तोत्र का पाठ बहुत चमत्कारी पाठ है।
·         बृहस्पति गृह संतान पक्ष के कारक माने जाते है।
·         कुंडली में बृहस्पति उच्च स्थान पर हो तो बहुत ही शुभ फल मिलते है।
·         बृहस्पति गृह ख़राब चल रहा हो तो वैवाहिक जीवन में बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
·         रोज़ सुबह सूर्य देव को जल देने से भी गुरु गृह ठीक हो जाता है।
·         बृहस्पति गृह को ठीक करने के लिए बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
·         यह गृह रिश्तो और स्वामी पक्ष का भी स्वामी होता है।
·         अपने बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए।

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