च्यवनप्राश के फायदे, उपयोग और नुकसान | Benefits, Uses and Disadvantages of Chyawanprash

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च्यवनप्राश के फायदे:-दोस्तों आज हम इस Blogs में Benefits of Chyawanprash, उपयोग और नुकसान (Benefits, Uses and Disadvantages of Chyawanprash) की जानकारिया देंगे। कृपया इस Blogs को ध्यान से पूरा पढ़े। च्यवनप्राश कई सारी जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है। मुझे सर्दी-जुखाम से बचने और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाये रखने के लिए दादी-नानी भी अक्सर च्यवनप्राश खाने की सलाह देती हैं। च्यवनप्राश अक्सर सर्दियों में ही खाया जाता है। क्योकि इस समय जुखाम, सर्दी, ख़ासी और ठण्ड की चपेट में आने की ज्यादा संभावना होती है। च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक औसधि है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने का काम करता है और शरीर को संक्रमणों से बचाता है। ऐसे में आप च्वयनप्राश को अपने दिनचर्या में शामिल करके अपने शरीर का अच्छा खासा ध्यान रख सकते हैं। तो आइये जानते है च्वयनप्राश खाने के फायदे (Chyawanprash Ke Fayde)।

Benefits, Uses and Disadvantages of Chyawanprash

च्यवनप्राश के फायदे (Benefits of Chyawanprash):-

च्वयनप्राश में आयुर्वेदिक औषधियां होती है, जो हमे कई बीमारियों के संक्रमण से बचाता है। इसी कारण आजकल डॉक्टर भी लोगों को च्वनप्राश खाने की सलाह दे रहे हैं। च्यवनप्राश में लगभग 20 से 40 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां होती हैं, अश्वगंधा, आंवला और ब्राह्मी से लेकर शहद तक, इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं। जिनके सेवन से अनेक फायदे होते है। जो इस प्रकार है:-

  • इम्यूनिटी को बढ़ाए,(Boost Immunity):- च्वयनप्राश में मुख्य आंवला होता है। जिसमे विटामिन-C की मात्रा बहुत अधिक होती है और यह हमारी इम्यूनिटी को बेहतर बनाये रखने में सहायक होता है।इसके अलावा, च्यवनप्राश बनाने में इस्तेमाल होने वाले गाय के घी और शहद में भी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाले तत्व पाए जाते है। जो शरीर को जल्दी बीमार होने से बचाती है और इंफेक्शन व बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
  • रक्त साफ करे, (Clean Blood):- च्वयनप्राश को बनाने के लिए पाटला, तुलसी और हल्दी का USE किया जाता है। क्योकि पाटला हमारे शरीर के ब्लड में मौजूद विषैले तत्वों को निकालकर इसे साफ करने का काम करता है। और साथ ही तुलसी व हल्दी भी ब्लड को साफ करने का काम करती है।
  • हृदय के लिए फायदेमंद, (Beneficial for the Heart):- च्यवनप्राश में आवला और बाला जैसी अनेक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। जो हमारे ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है। च्यवनप्राश दिल को मजबूत रखने का काम करता है। साथ ही मांसपेशियों तक स्वस्थ रक्त प्रवाह को सुनिश्चित कर च्यवनप्राश हृदय की धड़कन को भी सही रख सकता है।
  • एटी-इंफ्लेमेटरी लिए फायदेमंद, (Beneficial for Anti-Inflammatory):- च्यवनप्राश में तिल का तेल, लौंग और अगरु जैसे अनेक एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते है। जो सूजन को  कम करने में मददकार होते है। इनके अलावा, अश्वगंधा, नागकेसर और आंवला जैसी च्यवनप्राश की सामग्रियों में भी एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते है।
  • पाचन शक्ति में सुधार, (Improve Digestion):- च्यवनप्राश में मौजूद नागकेसर, तेजपत्ता और दालचीनी जैसी जड़ी-बूटियों के कारण हमारा डाइजेशन सही रहता है। इसके नियमित सेवन से खाना सही से पचता है और सुबह मल त्यागने में आसानी रहती है। अथार्थ यह हमारे पाचन शक्ति के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही हमारे पेट से संबंधित बीमारियों को भी ठीक करता है।
  • याददाश्त तेज करे,(sharpen memory):- आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हमे ऑफिस व घरेलू कार्यो के कारण कुछ न कुछ भूलने की आदत सी हो जाती है। च्यवनप्रश में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते है। जो हमारी याददाश्त को बेहतर बनाये रखने में काफी फायदेमंद होता है। इसलिए च्यवनप्रश का नियमित रूप रूप से रोज सुबह सेवन करना चाहिए।
  • श्वसन संबंधी परेशानियों में च्यवनप्राश खाने का फायदे:- अक्सर बूढ़े-बुजुर्गो को सांस लेने में काफी परेशानी होती है। इस बीमारी से बचने के लिए च्यवनप्राश का हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए। क्योकि इसमें मौजूद पिप्पली जड़ी-बूटी श्वसन संक्रमण से बचाने का काम करती है।
  • हड्डियों को मजबूत करे,(Strengthen Bones):- हड्डियों को मजबूत करने के लिए दूध के साथ च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए। च्यवनप्राश का सेवन करने से हमारे शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है। जिससे हड्डिया व दांत मजबूत होते है।
  • त्वचा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद:- आजकल कई लोगो को बदलते मौसम के कारण, प्रदूष्ण और धूल-मिट्टी के कारण उनकी त्वचा रूखी या बेजान हो जाती है। इससे बचने के लिए हमे च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए। च्यवनप्राश के सेवन से चेहरे पर चमक रहती है। च्यवनप्राश के सेवन से चेहरे पर चमक रहती है। क्योकि च्यवनप्राश पोशक तत्वों और विटामिन-C से परिपूर्ण होने के कारण त्वचा को चमकदार बनता है।
  • खांसी और सर्दी में फायदेमंद:- च्यवनप्राश में मौजूद आवला शरीर की इम्यूनिटी को बेहतर बनाये रखने में मददकार होता है। और साथ ही बार बार होने वाली खांसी और सर्दी के संक्रमण से बचता है। इसमें मौजूद शहद, सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए लाभकारी होता है। इस समस्या से बचने के लिए भी च्यवनप्राश का सेवन करना लाभकारी होता है।
  • गर्भवती महिलाओ के फायदेमंद:- च्यवनप्राश का सेवन करना गर्भवती महिलाओ के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि च्यवनप्राश में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के साथ साथ ब्लड को भी बढ़ाने का गुण मौजूद होता है। इसके सेवन से हमारे शरीर का खून साफ होता है और खून की कमी भी दूर होती है इस लिए गर्भवती महिलाओ डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए। महिलाओ में प्रजजन समता में सुधार करने के साथ साथ मासिक धर्म को नियमित करता है।

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च्यवनप्राश के नुकसान (Disadvantages of Chyawanprash):-

दोस्तों वैसे तो च्यवनप्राश के कोई हानिकारक दुस्प्र्भाव तो नहीं है। परन्तु किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुक्सान हो सकते है। और मेरी जानकारी के अनुसार कुछ दुस्प्र्भाव बता रहा हूँ। जो इस प्रकार है:-

  • डायबिटीज के रोगियों को इसके सेवन से दूर रहना चाहिए। क्योकि इसे बनाने में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • अगर च्यवनप्राश के सेवन से किसी भी व्यक्ति को दस्त लगते है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • च्यवनप्राश का दूध के साथ सेवन करने से पेट में गैस या अपच की समस्या होने पर इसका दूध के साथ सेवन करना छोड़ देना चाहिए।
  • च्यवनप्राश का सेवन रात के समय नहीं करना चाहिए। क्योकि रात के समय यह दातो पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • च्यवनप्राश के अधिक सेवन से पुरुषो में स्वपन दोष के लक्ष्णों को बड़ा देता है।
  • जिन लोगो के पेट में जलन अधिक रहती है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है।

च्यवनप्राश में मौजूद सामग्रियां:-

मार्केट में बहुत सी ऐसी कंपनिया है, जो च्यवनप्राश बनाने में अलग अलग जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करती है। वैसे तो च्यवनप्राश बनाने के लिए 40-50 जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। हर कंपनी अपने हिसाब से च्यवनप्राश के लिए सामग्रियों का चयन करती हैं, जिनमें से कुछ आम सामग्रियों के बारे में हम नीचे बता रहे हैं। जो इस प्रकार है :-

क्रम-संख्यासामग्रियां
1.आंवला
2.केसर
3.ब्राह्मी
4.शहद
5.शतावरी
6.तिल का तेल
7.हल्दी
8.इलायची
9.बेल
10.तेजपत्ता
11.पुनर्नवा
12.वसाका
13.पिप्पली
14.दालचीनी
15.अगुरु
16.लौंग
17.घी
18.अश्वगंधा
19.तुलसी
20.नीम
21.नाग केसर
22.सफेद मूसली
23.कमल गट्टा
24.पाटला
25.श्योनक की छाल

च्यवनप्राश का उपयोग कैसे करें:-

च्यवनप्राश का सेवन रोज सुबह खाली पेट करना सही होता है। क्योंकि च्यवनप्राश को खाली पेट खाने से शरीर को खनिजों और जड़ी-बूटियों को अवशोषित करने में मदद मिलती है। च्यवनप्राश का सेवन सर्दियों में करना काफी फायदेमंद होता है। यह सर्दियों में ठण्ड से होने वाली खासी व जुखाम से बचाव करता है। इसे दिन में एक या दो बार खाना खाने से पहले लें। अच्छा स्वाथ्य पाने के लिए इसका सेवन करने के बाद एक गिलास दूध का अवश्य पीना चहिये। आप अपनी कसरत से पहले च्यवनप्राश भी खा सकते हैं क्योंकि यह सहनशक्ति बनाने में मदद करता है। च्यवनप्राश हमारे शरीर को लाभ तभी पहुंचाता है, जब इसकी खुराक नियंत्रित हो। अन्यथा कम या ज्यादा सेवन करने से लाभ की जगह हमे हानि का सामना करना पड़ सकता है।

घर में च्यवनप्राश बनाने की विधि:-

दोस्तों घर पर च्यवनप्राश बनाने के लिए सबसे पहले 1.5 KG आवलो को धोकर साफ क्र लेना चाहिए। अब इन्हे किसी बड़े बर्तन में डालकर बॉईल कर लेना चाहिए। अच्छे से बॉईल करने के बाद ठण्डा करके इनके बीज को अलग कर देना चाहिए। आवलो की कलियों का मिक्सी में पीसकर पेस्ट बना लेना चाहिए। अब इस पेस्ट को किसी कड़ाई में देसी घी डालकर अच्छी तरह पका लेना है। करीब आधे घंटे तक इसे अच्छे से भूनें। इसमें डालने के लिए सभी जड़ी-बूटियों  (5-7 पीपली, लौंग 1 चमच्च, दालचीनी के के 7-8 टुकड़े, इलायची 8-10, तेजपत्ता 5-7, अदरक 100 ग्राम, तुलसी 1 मुट्ठी ) को पीसकर बारिक पाउडर तैयार करें।अब आंवले के पेस्ट के ठंडा होने के बाद इसमें तैयार पाउडर को डाल लें। साथ ही 250 ग्राम शहद भी डाल लें। इसमें मिट्टा डालने के लिए गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए। इस प्रकार च्यवनप्राश बनकर तैयार हो जाता है।

सबसे अच्छा च्यवनप्राश ब्रांड कौन-सा है?

बाजार में च्यवनप्राश के काफी ब्रांड देखने को मिलते है। परन्तु सबसे अच्छे ब्रांड निम्लखित हैं:-

  1. बैद्यनाथ च्यवनप्राश:- बैद्यनाथ च्यवनप्राश, आयुर्वेदिक च्यवनप्राश है। जो बाजार में उपलब्ध ब्रांडो में से फेमस ब्रांड है। इस कंपनी के अनुसार इसे बनाने में 52 जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें चांदी वर्क, मकरध्वज, शुक्ति भस्म, केसर आदि भी हैं जो की स्वास्थ्य को बेहतर बनाते है। इसका सेवन शरीर को शक्ति देता है और एजिंग के प्रभाव को रोकता है।यह विटामिन सी का भी अच्छा स्रोत है। यह शरीर में अवाश्यक खनिजों की पूर्ती करता है। इसे बच्चे-बड़े सभी खा सकते हैं।
  2. झंडू च्यवनप्राश:- झंडू च्यवनप्राश भी प्रसिद्ध च्यवनप्राशों में से एक है। कंपनी के दावे के अनुसार इसके सुगर फ्री प्रोडक्ट्स भी मार्किट में उपलब्ध है। झंडू च्यवनप्राश यौन इच्‍छाओं को बेहतर करने वाले तत्‍व है। कंपनी का कहना है कि झंडू च्यवनप्राश के फायदे में इम्यूनिटी और आंतरिक शक्ति को बेहतर बनाता है।
  3. डाबर च्यवनप्राश:- डाबर च्यवनप्राश भी प्रसिद्ध च्यवनप्राशों में से एक है। कंपनी के दावे के अनुसार इसके सुगर फ्री प्रोडक्ट्स भी मार्किट में उपलब्ध है। डाबर च्यवनप्राश यौन इच्‍छाओं को बेहतर करने वाले तत्‍व है। कंपनी का कहना है कि डाबर च्यवनप्राश के नियमित इस्तेमाल से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या च्यवनप्राश गर्भावस्था के लिए सुरक्षित है?

जी हा, महिलाये प्रेग्नेंसी में च्यवनप्राश का सेवन कर सकती है। इसमें अनेक पोषक तत्‍वों के साथ भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है जो बच्‍चे के विकास में फायदेमंद करते हैं। परन्तु किसी डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।

च्यवनप्राश खाने का सही समय क्या है?

रोज सुबह खाली पेट च्यवनप्राश का सेवन करना सही होता है। क्योंकि च्यवनप्राश को खाली पेट खाने से शरीर को खनिजों और जड़ी-बूटियों को अवशोषित करने में मदद मिलती है।

सही च्यवनप्राश की पहचान कैसे करे?

सही व अच्छे च्यवनप्राश की पहचान हम थोड़ा-सा च्यवनप्राश को पानी में डालकर कर सकते है। अगर च्यवनप्राश पानी में डूब जाता है, तो यह टिक होता है। सही व अच्छे च्यवनप्राश में दालचीनी, इलायची और पीपली की खुसबू आती है।

क्या डायबिटीज के रोगी च्यवनप्राश का सेवन कर सकते है?

जी नहीं, क्योकि च्यवनप्राश को बनाने में गुड़ या चीनी का उपयोग किया जाता है। इसके सेवन से सुगर लेवल बढ़ सकता है।

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