Ardhnarishwar Stotram:- अर्धनारीश्वर शिव और शक्ति का संयुक्त रूप है। उन्हें आधा पुरुष और आधा महिला के रूप में दर्शाता है। दाहिना शरीर शिव का होता है, और बायां शरीर पार्वती या शक्ति का होता है। जिसे अर्धनारीश्वर कहा जाता है। कैसे शिव (पुरुष ऊर्जा) और शक्ति (स्त्री ऊर्जा) ब्रह्मांड में अविभाज्य हैं। जो व्यक्ति अर्धनारीश्वर स्तोत्रम का जाप करता है, उसकी आयु लंबी होती है, उसे बड़ा सम्मान मिलता है और उसका भाग्य अच्छा होता है।
![श्री शङ्कराचार्य कृतं - अर्धनारीनटेश्वर स्तोत्र Ardhnarishwar Stotram 1 Ardhnarishwar Stotram](https://www.gk-help.com/wp-content/uploads/2023/05/Ardhnarishwar-Stotram-1024x576.webp)
|| Ardhnarishwar Stotram ||
चाम्पेयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय । धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ १ ॥ कस्तूरिकाकुंकुमचर्चितायै चितारजः पुंजविचर्चिताय । कृतस्मरायै विकृतस्मराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ २ ॥ चलत्क्वणत्कंकणनूपुरायै पादाब्जराजत्फणीनूपुराय । हेमांगदायै भुजगांगदाय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ३ ॥ विशालनीलोत्पललोचनायै विकासिपंकेरुहलोचनाय । समेक्षणायै विषमेक्षणाय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ४ ॥ मन्दारमालाकलितालकायै कपालमालांकितकन्धराय । दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ५ ॥ अम्भोधरश्यामलकुन्तलायै तडित्प्रभाताम्रजटाधराय । निरीश्वरायै निखिलेश्वराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ६ ॥ प्रपंचसृष्ट्युन्मुखलास्यकायै समस्तसंहारकताण्डवाय । जगज्जनन्यैजगदेकपित्रे नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ७ ॥ प्रदीप्तरत्नोज्ज्वलकुण्डलायै स्फुरन्महापन्नगभूषणाय । शिवान्वितायै च शिवान्विताय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ८ ॥ स्तोत्र पाठ का फल एतत् पठेदष्टकमिष्टदं यो भक्त्या स मान्यो भुवि दीर्घजीवी । प्राप्नोति सौभाग्यमनन्तकालं भूयात् सदा तस्य समस्तसिद्धि: ॥ ९ ॥ ॥ इति आदिशंकराचार्य विरचित अर्धनारीनटेश्वरस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥ |